Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -23-May-2022 निमंत्रण कार्ड

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-निमंत्रण कार्ड

आज मेरे घर निमंत्रण कार्ड आया
दोस्त ने अपनी शादी की दावत में बुलाया

हुआ मैं आज बहुत खुश
अरसों के बाद दोस्त ने मुझे बुलाया

सूट बूट पहन कर
चला मैं दोस्त की शादी में
खास होगी आज मेरे दोस्त की पार्टी

पहुंच कर देख दोस्त को हो गया खुश
तोहफे  देकर आगे बढ़ा में

आगे बढ़ा तो देख दावत  का नजारा
हो गया में हक्का-बक्का

चारों तरफ था खाना बिखरा
चारों तरफ फैला था झूठा

सोच ! मन में आया विचार
कैसे हैं दुनिया के आचार

पग तले दबाए जा रहा खाना
हो रहा अन्न का अपमान

कैसा है यह रिवाज
मन हो गया खराब

देख इस दृश्य को
मन हो गया विचलित

तिलमिला उठा मेरा मन
जिन्है नहीं मिलता दो समय का खाना

यहां हो रहा था खाने का अपमान
पैरों के नीचे रोदा जा रहा था खाना

खाने का देख इतना अपमान
 धरती माता का हो रहा अपमान

देख यह नजारा मन रो पड़ा
नहीं खाया मैंने खाना
और चला गया मैं भूखा
फिर नहीं जाऊंगा दावत में दुबारा

दुनिया की देख हरकतें
मन हो गया शर्मसार
करूंगा मैं दावत का बहिष्कार।

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11 Comments

Shnaya

28-May-2022 01:13 PM

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Punam verma

24-May-2022 11:04 AM

Nice

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Shrishti pandey

24-May-2022 10:22 AM

Nice

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